अमेरिका का ऐसा धर्म गुरु जिसके अंधविश्वास में आकर 900 से अधिक लोगों ने आत्महत्या कर ली थी | Jim Jones Story in Hindi

 Jim Jones, The American Preacher Story in Hindi

‘जोन्सटाउन मास सुसाइड’ इसे इतिहास की सबसे बड़ी आत्महत्या की घटना मानी जाती है जिसे सुनकर हर कोई दंग रह जाता है। यह घटना 18 नवम्बर 1978 को घटी थी जिसमें 900 से भी ज्यादा लोगों ने एक साथ आत्महत्या या हत्या की थी। इस घटना का कारण Jim Jones नाम का एक व्यक्ति है।
अमेरिका का ऐसा धर्म गुरु जिसके अंधविश्वास में आकर 900 से अधिक लोगों ने आत्महत्या कर ली थी | Jim Jones in Hindi
Photo - Wikimedia commons/Nancy Wong

कौन था जिम जोन्स (Who Was Jim Jones)

Jim Jones एक साम्यवादी (Communist) विचारधारा का व्यक्ति था जो खुद को मसीहा मानता था, जिसका जन्म 13 मई 1931 इंडिआना के क्रेटे में हुआ था। जिम जोंस के बचपन के दोस्त बताते थे कि उसे बचपन से ही जन्म और मृत्यु पर काफी दिलचस्पी थी और वो अक्सर अपनी प्रॉपर्टी पर जानवरों का अंतिम संस्कार किया करता था और एक बार तो उसने बिल्ली की चाकू मारकर हत्या कर दी थी। जिम जोन्स को जानने वाले बताते हैं कि वो बहुत ही तेज दिमाग का लड़का था और किताबें पढ़ने का बहुत ज्यादा शौकीन था।

जिम जोंस पूरी तरह से कम्युनिस्ट था और भगवान पर विश्वास नहीं करता था और वह लोगों के बीच एक धर्मगुरु बन गया था। इसीलिए उसने जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए 1956 में पीपल्स टेंपल नाम का चर्च बनाया। जिम जोंस में ऐसी काबिलियत थी कि वह अपनी बातों से ही लोगों का दिल जीत लेता था, यही कारण है कि हजारों लोग जिम जोंस से प्रभावित होकर उसके अनुयायी बन गए थे। जिम जोंस के कम्युनिस्ट होने के कारण उसके विचार अमेरिकी सरकार से नहीं मिलते से और वह सरकार से नफरत करता था। इसलिए जिम जोंस ने गुयाना के जंगलों में अपना एक अलग ही गांव बसाया और अपने बनाये इस गांव को Jonestown नाम दिया। उनके अनुयायी उनसे इतने प्रभावित थे कि वे भी जिम के साथ रहने आ गए। जिम जोंस खुद को भगवान सोचने लगा था और अपने द्वारा बसाए गए गांव को अपने ही तरीके से चलाने लगा। उसने गांव को चारों तरफ से पूरा बंद कर दिया। जिम जोंस अनुयायियों से दिन भर काम कराता था और रात को अपने भाषण सुनाता था। अंदर से किसी भी लोगों को बाहर जाने की अनुमति नहीं थी। अगर कोई थोड़ी भी गलती करता तो उसे बहुत मारा पीटा जाता और बहुत कठोर सजा दी जाती। रात में भी लोगों को सोने देने की बजाय जिम जोंस के ही भजन सुनाए जाते थे। कोई व्यक्ति वहाँ से भाग न जाये इसके लिए उसके सिपाही गांव के चारों और रात दिन पहरा देते थे। अब धीरे धीरे जिम जोन्स की असलियत कुछ अनुयायियों को भी पता चलने लगी। लेकिन वे वहाँ से निकलने के लिए कुछ नहीं कर पा रहे थे।

अमेरिका के सरकार को जब Jonestown में हो रहे अत्याचारों के पता चला तो नवंबर, 1978 को एक कांग्रेसमेन Leo Ryan को इस जगह का मुआयना करने भेजा गया और वे अपने साथ मन्दिर के सदस्यों के रिश्तेदार, NCB के कैमरामैन और विभिन्न पत्रकारों को लेकर गए थे। Leo Ryan 15 नवम्बर को गुयाना पहुंचते है जहाँ जिम जोंस Leo और उनकी मंडली का अच्छे से स्वागत करता है और एक समारोह रखता है। समारोह के दौरान जिम जोंस का Vernon Gosney नाम का एक अनुयायी Leo को एक पत्र देता है जिसमे वह खुद के और गुयाना के बाकी सदस्यों को वहाँ से निकालने के लिए मदद मांगता है। 

18 नवम्बर की दोपहर को Leo Ryan अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ वहां से निकल जाता है और अपने साथ मन्दिर के 15 सदस्यों को निकालने में भी कामयाब जो जाता है। लेकिन ये बात जब जिम जोन्स को पता चलता है तो वह Leo Ryan पर हमला करने के लिए कुछ लोगों को भेजता है, Leo जब गुयाना के हवाई अड्डे मे पहुंचे होते तो जिम जोन्स के हमलावर उनपर गोलीबारी कर देते है और इस गोलीबारी में Leo Ryan समेत 5 लोगों की मौत हो जाती है।

यह वही दिन था जो कि अमेरिका के इतिहास का काला दिन बन गया था क्योंकि इसी शाम जोंसटाउन में 909 लोगों ने आत्महत्या/हत्या की जिसमें 304 बच्चे भी शामिल थे, और सभी लोगों की मौत साइनाइड जहर की वजह से हुई थी। इस दिन कुल मिलाकर 913 लोगों की मौत हुई थी। बाद में छानबीन में आत्महत्या के दौरान हुई ऑडियो रिकॉर्डिंग की 45 मिनट की क्लिप मिली।

अमेरिका का ऐसा धर्म गुरु जिसके अंधविश्वास में आकर 900 से अधिक लोगों ने आत्महत्या कर ली थी | Jim Jones in Hindi
Photo - Tim Chapman/getty images

इस रिकॉर्डिंग के अनुसार Leo Ryan की हत्या के बाद Jim Jones को पता था कि अमेरिकी सरकार जोंसटाउन पर कार्यवाही करने आएगी। इसीलिए जिम जोन्स ने अपने सभी अनुयायियों को एक जगह इकठ्ठा किया और उन्हें बताया कि ''अमेरिकी सरकार हम सबको मारने आ रही हैं, और जो लोग बच जाएंगे वे उनके साथ बहुत ज्यादा अत्याचार करेंगे। वे हमारे बच्चों और बुजुर्गों को बम से उड़ा देंगे और जानवरों जैसा बर्ताव करेंगे। जोन्स लोगों से कहता है कि मौत से मत डरो यह हमारा दोस्त है और बस जिंदगी की एक अगली सीढ़ी है। ऑडियो टेप में पता चलता है कि जोंस की पत्नी बच्चों की मौत का विरोध करती है लेकिन जोन्स उसे जबरन रोक देता है। ऑडियो टेप के अंत मे Jim Jones कहता है कि 'हमने आत्महत्या नहीं की, हमने एक अमानवीय दुनिया की स्थितियों का विरोध करते हुए क्रांतिकारी आत्महत्या का कृत्य किया है। इसके बाद बड़े से टब में अँगूर का सॉफ्टड्रिंक बनाया जाता है जिसमें साइनाइड जहर मिलाया जाता है औऱ सबको पिलाया जाता है। सबसे पहले जिम यह जहर बुजुर्ग और माँ बाप द्वारा उनके बच्चों को पिलाता है ताकि उनके पास जीने की वजह ही ना रहे। कुछ अनुयायी जिम जोन्स के इतने पक्के भक्त बन गए थे कि जिम कुछ भी कहे तो वे करने को तैयार थे लेकिन जो ड्रिंक पीने को तैयार नहीं थे उन्हें जबर्दस्ती पिलाया गया, और कुछ ही समय में वहाँ लोगों की लाशें बिछ गई। इसके बाद जिम जोन्स को भी उसकी कुर्सी पर तकिये में आराम से बैठे पाया गया और उसके सिर पर गोली का निशान था। जिम के बेटे का मानना था कि उसे किसी ने गोली मारी होगी लेकिन बाद में इसे भी आत्महत्या ही घोषित कर दिया गया। जिम के कुर्सी में George Santayana की कुछ पंक्तियां लटकी हुई थी जिसमें लिखा था "जो लोग अतीत को याद नहीं करते हैं, वे इसे दोहराने की निंदा करते हैं।''

इस तरह से एक सनकी आदमी के प्रति अंधविश्वास में आकर 8 नवम्बर 1978 को 900 से भी अधिक लोग अपनी जान गंवा बैठते है। 9/11 के हमले से पहले यह अमरीका के इतिहास की सबसे बड़ी मानव क्षति थी । Jonestown में हुए इस नरसंहार के ऊपर The Sacrament जैसी फिल्में भी बन चुकी है।


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2 टिप्पणियाँ

  1. Jim Jones was an egocentric person, his history is marked by abuse, lust and unfortunately by the tragedy that he caused to all these weak-minded people. He lived for a period here in Brazil, but was unsuccessful. Then he went to Central America - Guyana. His story is so macabre that today I find it on this blog on the other side of the world.

    We must respect the religious, the gurus, but we must also have our own opinions.

    Congratulations! Well written this article!

    जवाब देंहटाएं

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