1. Jwala Ji Temple, Kangra, HP
ज्वाला जी का मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगडा जिले में स्थित है। यह मंदिर प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है कहा जाता है कि माता सती की जीभ इसी जगह गिरी थी इसीलिए इस स्थान पर ये मंदिर बनवाया गया। इस मंदिर मे एक लौ है जो कि 100 सालों से भी अधिक समय से निरन्तर जल रही है जो सभी लोगो को आश्चर्य में डाल देती है। श्रद्धालु इसे माता का चमत्कार मानते है जबकि वैज्ञानिकों ने यह तर्क दिया है कि इस लौ के निरन्तर जलने के कारण वहाँ जमीन के नीचे मौजूद मीथेन गैस है।
ज्वाला जी का मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगडा जिले में स्थित है। यह मंदिर प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है कहा जाता है कि माता सती की जीभ इसी जगह गिरी थी इसीलिए इस स्थान पर ये मंदिर बनवाया गया। इस मंदिर मे एक लौ है जो कि 100 सालों से भी अधिक समय से निरन्तर जल रही है जो सभी लोगो को आश्चर्य में डाल देती है। श्रद्धालु इसे माता का चमत्कार मानते है जबकि वैज्ञानिकों ने यह तर्क दिया है कि इस लौ के निरन्तर जलने के कारण वहाँ जमीन के नीचे मौजूद मीथेन गैस है।
Read Also - दुनिया के कुछ अजीबोगरीब तो कुछ हँसा देने वाले कानून
2. Om Banna (Bullet Baba), Rajsthan
यह अनोखा मंदिर राजस्थान के जोधपुर व पाली हाइवे से 20 किलोमीटर की दूरी पर है। इसमं दिर की कहानी शुरू होती है साल 1988 से जब पाली गांव के पास स्थित चोटिला गाँव मे रहने वाले ओम बन्ना नाम के व्यक्ति बुलेट से अपने ससुराल की और जा रहे थे लेकिन दुर्भाग्यवश उनका बुलेट पेड़ से टकराने की वजह से हादसा हुआ और ओम बन्ना की मृत्यु हो गयी। फिर पुलिस हादसे वाली जगह से बुलेट को पुलिस स्टेशन ले गयी लेकिन रहस्यमयी तरीके से बुलेट अगली सुबह हादसे वाली जगह पर पहुंच गई, पुलिस को लगा किसी ने ये जानबूझ कर किया होगा वे बुलेट को फिर लाये लेकिन फिर सुबह के समय बुलेट हादसे वाली जगह ही पहुंची थी, इसके बाद पुलिस ने बुलेट को चैन से बांध के रखा था पर फिर भी बुलेट खुद ही हादसे वाली जगह में पहुंच गई। बार बार ऐसा होते देख पुलिस व स्थानीय लोगों ने इसे चमत्कार बता कर उस बुलेट को वहीं पर स्थापित किया जहां पर ओम बन्ना की मृत्यु हुई थी और वहाँ पर मन्दिर बनवाया गया। और वह मन्दिर आज भी स्थित है और लोग दूर दूर से इस मंदिर के दर्शन करने आते है और मानते हैं कि इस मंदिर में सभी की मनोकामनाएं पूरी होती है।
2. Om Banna (Bullet Baba), Rajsthan
यह अनोखा मंदिर राजस्थान के जोधपुर व पाली हाइवे से 20 किलोमीटर की दूरी पर है। इसमं दिर की कहानी शुरू होती है साल 1988 से जब पाली गांव के पास स्थित चोटिला गाँव मे रहने वाले ओम बन्ना नाम के व्यक्ति बुलेट से अपने ससुराल की और जा रहे थे लेकिन दुर्भाग्यवश उनका बुलेट पेड़ से टकराने की वजह से हादसा हुआ और ओम बन्ना की मृत्यु हो गयी। फिर पुलिस हादसे वाली जगह से बुलेट को पुलिस स्टेशन ले गयी लेकिन रहस्यमयी तरीके से बुलेट अगली सुबह हादसे वाली जगह पर पहुंच गई, पुलिस को लगा किसी ने ये जानबूझ कर किया होगा वे बुलेट को फिर लाये लेकिन फिर सुबह के समय बुलेट हादसे वाली जगह ही पहुंची थी, इसके बाद पुलिस ने बुलेट को चैन से बांध के रखा था पर फिर भी बुलेट खुद ही हादसे वाली जगह में पहुंच गई। बार बार ऐसा होते देख पुलिस व स्थानीय लोगों ने इसे चमत्कार बता कर उस बुलेट को वहीं पर स्थापित किया जहां पर ओम बन्ना की मृत्यु हुई थी और वहाँ पर मन्दिर बनवाया गया। और वह मन्दिर आज भी स्थित है और लोग दूर दूर से इस मंदिर के दर्शन करने आते है और मानते हैं कि इस मंदिर में सभी की मनोकामनाएं पूरी होती है।
3. Lepakshi Temple, Andhra Pradesh
आंध्रप्रदेश में स्थित लेपाक्षी मंदिर में भगवान शिवजी के वीरभद्र रूप की पूजा की जाती है। इस मंदिर में 70 खम्बे है जिनमे से एक खम्बा ऐसा भी है जो हवा में लटका हुआ है और यही इस मंदिर को खास बनाता है। इस हवा में लटके हुए खम्बे की वजह से इसे 'हैंगिंग पिल्लर टेम्पल' भी कहा जाता है। लोगों में मान्यता है की इस खम्बे के नीचे से कपड़ा पार करने से मनोकामनाएं पूरी होती है यही कारण है कि बहुत से श्रद्धालु इस मंदिर के दर्शन के लिए आते है।
आंध्रप्रदेश में स्थित लेपाक्षी मंदिर में भगवान शिवजी के वीरभद्र रूप की पूजा की जाती है। इस मंदिर में 70 खम्बे है जिनमे से एक खम्बा ऐसा भी है जो हवा में लटका हुआ है और यही इस मंदिर को खास बनाता है। इस हवा में लटके हुए खम्बे की वजह से इसे 'हैंगिंग पिल्लर टेम्पल' भी कहा जाता है। लोगों में मान्यता है की इस खम्बे के नीचे से कपड़ा पार करने से मनोकामनाएं पूरी होती है यही कारण है कि बहुत से श्रद्धालु इस मंदिर के दर्शन के लिए आते है।
4. Bijli Mahadev, Kullu HP
बिजली महादेव मंदिर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के साथ ही एक पहाड़ की ऊँचाई पर स्थित है जहाँ पर भगवान शिवजी की पूजा की जाती है। इस मंदिर में मान्यता यह है कि यहाँ हर 12 साल बाद आसमान से शिवलिंग के ऊपर बिजली गिरती है, कहा जाता है कि इंद्रदेव यह बिजली भगवान शिव जी की आज्ञा से ही गिराते है। बिजली गिरने के कारण शिवलिंग खण्डित हो जाता है फिर पुजारी मक्खन द्वारा शिवलिंग को दोबारा जोड़ता है। कहा जाता है कि भगवान शिव अपने ऊपर बिजली इसलिए गिराते है ताकि वे धरती व मनुष्यों की सभी संकटों से रक्षा कर सके और इसलिए इनपर आने वाले संकटों को शिव अपने ऊपर लेते हैं।
Read Also - दुनिया के अलग अलग देशों के अजीबोगरीब अंधविश्वास
5. Hazrat Kamar Ali Dargah, Pune
हजरत कमर अली दरवेश दरगाह बैंगलोर व पुणे के हाईवे के पास स्थित शिवपुरी नाम के गांव में मौजूद है। इस दरगाह की सबसे चौंका देने वाली चीज यहाँ पर मौजूद एक पत्थर है जो कि 90 किलो के करीब वजन का है। इस पत्थर की खास बात यह है कि इसे केवल 11 लोग ही अपनी इंडेक्स फिंगर से उठा सकते हैं। अगर 11 से कम या किसी और उंगली से इसे उठाने का प्रयास किया जाए तो इसे उठाया नहीं जा सकता। अब इस पत्थर का कभी इनका भारी होना की कोई इसे हिला भी न सके और कभी इतना हल्का हो जाना कि लोग अपनी 1 उंगली से उठा ले, इसके पीछे का कारण अभी भी लोगों के लिए रहस्य बना हुआ है।
यदि आप भी वीज़ा के चक्कर मे धक्के खा खा कर थक चुके हैं तो आप भी इस मंदिर में ज़रूर जाइये। चिलकुर बालाजी का मंदिर हैदराबाद से 30 किमी की दूरी पर स्थित है। लोगों की मान्यता है कि इस मन्दिर में इस मंदिर में वीसा मांगने से बहुत जल्द वीसा जरूर मिलता है। यही कारण है कि इस मंदिर को वीसा टेम्पल भी कहा जाता है। प्रतिदिन हजारों भक्त इस मंदिर के दर्शन करने आते है पर अधिकतर वीसा या नौकरी मांगने वाले भक्त ही होते है और कहा जाता है कि इस मंदिर में सभी लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती है यही कारण है कि यह मंदिर इतने श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र बना है।
7. Shani Shinghnapur, Maharashtra
शनि शिंगणापुर, शनि देव जी का मन्दिर है जो कि अहमदाबाद जिले के शिंगणापुर गांव में स्थित है। इन गांव की खास बात यह है कि यहां आपको किसी भी घर, स्कूल या दुकानों में दरवाजा देखने को नही मिलेगा। और दरवाजा ना होने के बावजूद भी यहाँ चोरी का एक भी मामला सामने नहीं आया है। अपनी इसी विचित्रता के कारण ही यह गांव दुनिया भर में प्रसिद्ध हो रहा है। इस गांव के लोगों का मानना है कि शनि देव इस गांव की रक्षा करते है जिस कारण यहाँ कोई भी अपराध नहीं होते। अगर कोई अपराध करता भी है तो खुद शनि देव उसे दण्डित करते है। इसी भय के कारण कोई भी व्यक्ति इस गांव में अपराध करने का साहस नहीं कर पाता।
शनि शिंगणापुर, शनि देव जी का मन्दिर है जो कि अहमदाबाद जिले के शिंगणापुर गांव में स्थित है। इन गांव की खास बात यह है कि यहां आपको किसी भी घर, स्कूल या दुकानों में दरवाजा देखने को नही मिलेगा। और दरवाजा ना होने के बावजूद भी यहाँ चोरी का एक भी मामला सामने नहीं आया है। अपनी इसी विचित्रता के कारण ही यह गांव दुनिया भर में प्रसिद्ध हो रहा है। इस गांव के लोगों का मानना है कि शनि देव इस गांव की रक्षा करते है जिस कारण यहाँ कोई भी अपराध नहीं होते। अगर कोई अपराध करता भी है तो खुद शनि देव उसे दण्डित करते है। इसी भय के कारण कोई भी व्यक्ति इस गांव में अपराध करने का साहस नहीं कर पाता।
8. Nidhivan, Vrindavan
कृष्ण नगरी वृन्दावन के बारे में तो सबने सुना ही होगा। आज हम आपको वृन्दावन के एक मंदिर में स्थित निधिवन के बारे में बताने जा रहे है जो काफी रहस्यों से भरी है। शाम होने के बाद इस मंदिर के सभी कपाट बंद कर दिए जाते हैं और भगवान कृष्ण के लिए प्रसाद तथा राधा जी के लिए श्रृंगार का समान रखा जाता है और किसी को भी यहां जाने की अनुमति नही होती। निधिवन में 16000 के करीब ऐसे वृक्ष पाये जाते हैं जो सभी टेढ़े-मेढ़े आकार के हैं, कहा जाता है कि ये सभी पेड़ श्रीकृष्ण की गोपियां है जो रात को अपने रूप में आकर श्रीकृष्ण संग रास रचाते है और सुबह होते ही फिर से पेड़ों का रूप धारण कर लेते है। निधिवन के पेड़ों की खास बात यह भी है कि ये सभी पेड़ नीचे की तरफ झुके हुए है जबकि आमतौर पर पेड़ो का आकार सीधा होता है। इनसे भी चौकाने वाली बात तो यह है कि शाम के समय मन्दिर में रखा गया प्रसाद सुबह के समय बिखरा हुआ मिलता है। बहुत से लोग इसे भगवान श्रीकृष्ण का चमत्कार मानते है तो कोई इसे अंधविश्वास । कहा जाता है कि बहुत से लोगों ने रात के समय इस मंदिर का रहस्य पता लगाने की कोशिश की लेकिन वे या तो पागल हो गए या फिर गूंगे, और इस मंदिर का रहस्य अभी भी अनसुलझा है।
रामेश्वरम जिसके तट में ऐसे पत्थर पाये जाते हैं जो कि पानी मे भी नही डूबते जो कि सबको सोचने पर मजबूर कर देती है। और इसका इतिहास रामायण से जुड़ा है जो कि शायद आप सब ने पड़ा होगा। पर विज्ञान धार्मिक बातों को मानने से इंकार करता है और उनका मानना है कि यह पत्थर Pumice Stone है जो कि ज्वालामुखी फटने से बनता है, लेकिन उनका यह तर्क भी सही होता प्रतीत नही होता क्योंकि इस स्थान के आसपास कोई भी ज्वालामुखी नहीं है और यह पत्थर प्यूमिस स्टोन से भारी भी है। हालांकि हिन्दू धर्म के लोग इसे धार्मिक दृष्टिकोण से देखते हैं जबकि बाकी की दुनिया के लिए ये अभी भी रहस्य ही बना हुआ है।
0 टिप्पणियाँ
अपनी राय जरूर दें❤️