Best Places to Visit in Manali in Hindi
Manali घूमने जाना लगभग सभी लोगों का सपना होता है क्योंकि यह बर्फ से ढके पहाड़ों और अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। यहाँ हर साल लाखों सैलानी घूमने आते हैं लेकिन बहुत से लोग उलझन में पड़ जाते हैं कि मनाली में छुट्टियों का इस्तेमाल अच्छे से कैसे करें और कहाँ कहाँ घूमने जाए। वैसे तो मनाली ऐसी जगह है कि आप कहीं भी जाओ आपको खूबसूरती देखने को ही मिलेगी, लेकिन हम आपको मनाली के कुछ ऐसे प्रसिद्ध औऱ खूबसूरत स्थान बताने जा रहे हैं जहाँ आप समय निकाल कर जरूर जाएं।
1. Hadimba Devi Temple
हडिम्बा मन्दिर को मनाली की शान भी कहा जा सकता है क्योंकि मनाली आने वाले लगभग सभी लोग इस प्राचीन मंदिर के दर्शन करने जाते है। हडिम्बा देवी मंदिर मनाली मॉल रोड से सिर्फ 2-3 किलोमीटर की दूरी पर है और देवदार के पेड़ों के बीच मौजूद है। स्थानीय भाषा मे इसे ढूंगरी (Dhungri) मन्दिर भी कहा जाता है। हडिम्बा देवी का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है, हडिम्बा देवी 5 पांडवो में से एक भीम की पत्नी थी और 'घटोतकच' भीम और हडिम्बा के पुत्र थे।
हडिम्बा देवी मंदिर मनाली के संस्कृतियों को काफी हद तक दर्शाती है। यह मंदिर एक बड़े पत्थर पर बनाया गया है और पूरा मन्दिर लड़की से ही बनाया गया है। स्थानीय लोगों में माँ हडिम्बा के प्रति बहुत अधिक आस्था है औऱ कुल्लू का अंतराष्ट्रीय मेला दशहरा (Dusshera) भी हडिम्बा देवी के पहुंचने के बाद ही मनाया जाता है।
Photo credit - Rishabh Gaur/Wikimedia Commons2. Rohtang Pass
Rohtang Pass मनाली से 50 किलोमीटर की दूरी पर है जो 3980 मीटर (13,058 फुट) की ऊंचाई पर स्थित है। यह Kullu को Lahoul Spiti जिले से जोड़ती है। रोहतांग पास मई से नवम्बर के महीनों में खुला रहता है और सर्दियों के मौसम में इसे बंद किया जाता है। क्योंकि यह पास भारी बर्फबारी के लिए जाना जाता है और सर्दियों में भारी बर्फ, ग्लेसियर और बर्फीली हवाओं की वजह से यहां बहुत से लोग अपनी जान गंवा चुके है। इसीलिए रोहतांग पास का मतलब 'लाशों के ढेर' (Pile of Corpse) है जो कि लदाखी शब्द Bhoti से रखा गया है।
हालांकि गर्मियों में घूमने के लिए रोहतांग पास पूरी तरह सुरक्षित है और हर साल हजारों सैलानी यहाँ घूमने आते है, रोहतांग पास अपनी सुंदर वादियों, पहाड़ों व नदियों के लिए जाना जाता है। शहर व मनाली के भीड़भाड़ से निकलकर रोहतांग की वादियों पर पहुंचते ही आप लोगों को अलग प्रकार का उत्साह महसूस होगा।
3. Solang Valley
Solang Valley को Solang Nallah भी कहा जाता है। यह Manali से 14 किलोमीटर की दूरी पर रोहतांग पास वाले रास्ते पर है। सोलंग नाला यहाँ पर होने वाले विभिन्न खेलों व गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पर होने वाली गतिविधियों में Paragliding, Skiing, Horse Riding और Zorbing प्रमुख है।
सर्दियों के मौसम में यहां Skiing और Snow Skooter का लुफ्त उठाया जाता है। यहाँ बहुत सी स्की एजेंसीज भी है जो बर्फ के मौसम में Ski Courses भी देती है। गर्मियों में जब बर्फ खत्म हो जाती है तो यहाँ Paragliding, Horse Riding और Zorbing किया जाता है। सोलंग नाला में बहुत से दुकानें भी है जहाँ पर आप अपने जरूरत के सामान खरीद सकते हैं।
अगर आप सोलंग नाला तक पहुंच जाते है तो Anjani Mahadev के दर्शन करना ना भूलें। Solang Nala से Anjani Mahadev की दूरी लगभग 1 किलोमीटर की है जहाँ तक आप पैदल या घोड़े में बैठ कर जा सकते हैं। अंजनी महादेव में एक झरना है जहाँ से पानी शिवलिंग के ऊपर गिरता है और यह पानी पिघल कर बर्फ का शिवलिंग बन जाता है। अधिक बर्फ आने पर शिवलिंग का आकार 30 से 40 फुट तक ऊँचा भी हो जाता है।
4. Chander Taal
Chander Taal एक खूबसूरत झील है जो कि Lahaul Spiti जिले में Kunjam Pass के निकट ही स्थित है। यह 2.5 किलोमीटर में फैला हुआ झील है और इसका यह नाम इसके आकार के कारण रखा गया है, क्योंकि यह झील चन्द्र्मा की तरह दिखता है। स्थानीय लोग इस झील को पवित्र मानते है और उनका मानना है कि रात के समय यहाँ परियां आती है। चन्द्रताल झील में पानी कहाँ से आता है इसका स्त्रोत पता नहीं चल पाया है जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस झील का पानी जमीन के नीचे से ही आता होगा।
Chander Taal झील कैम्पिंग व ट्रेकिंग करने वाले लोगों के लिए बहुत अधिक प्रसिद्ध है। यह एक दुर्गम स्थान है जहाँ तक पहुंचना मुश्किल है क्योंकि सर्दियों में बर्फ के कारण इसे बंद किया जाता है। इस इलाके में दूर दूर तक कोई भी पेड़ मौजूद नहीं हैं। चंद्रताल जाने का सबसे सही समय मई से लेकर सितम्बर तक है। यहाँ तक पहुंचने के लिए आप कुंजम दर्रे तक गाड़ी ला सकते हो उससे आगे दुर्गम रास्ता होने के कारण आप लोगों को लगभग 3 किलोमीटर पैदल चलना पड़ेगा। गर्मी के मौसम के यहाँ आपको रंग बिरंगे दुर्लभ फूल देखने को मिल जाएंगे।
5. Atal Tunnel
2020 में अटल टनल मनाली के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक बन गया है, क्योंकि यह 10,000 मीटर की ऊँचाई पर मौजूद दुनिया का सबसे लंबा सुरंग है जो कि सभी भारतीयों के लिए गर्व की बात है। यही कारण है कि सभी भारतीय इसे देखना चाहते है। Atal Tunnel मनाली से 29 किलोमीटर की दूरी पर है जिसकी लम्बाई 9.02 किलोमीटर है। इसे रोहतांग टनल के नाम से भी जाना जाता है। यह टनल मनाली को लाहौल स्पीति से जोड़ती है क्योंकि पहले लाहौल के लोग सर्दियों में 6 महीनों तक बर्फ में फंसे रहते थे और सर्दी मे भारी बर्फबारी के कारण रोहतांग पास बंद हो जाता था जिससे उनका देश के दूसरे हिस्सों से सम्पर्क टूट जाता था पर अब इस टनल की वजह से वे 12 महीने आवाजाही कर सकते हैं। इस टनल की वजह से मनाली से Leh Ladakh की दूरी भी बहुत कम हो गयी है।
इस टनल की घोषणा पूर्व प्रधानमंत्री Atal Bihari Vajpayee जी द्वारा 3 जून 2000 को की गई थी। और टनल का काम मई को BRO को सौंपा गया था। इस टनल को बनाने का काम 28 जून 2010 से शुरू किया गया। पर इस टनल को बनाने में बहुत सी मुसीबतों का सामना भी करना पड़ा। पहली समस्या तो यह थी कि इतने बड़े सुरँग को बनाने के लिए भारी मात्रा में पेड़ों को काटने की आवश्यकता थी, और यहां की पहाड़ी को खोदना भी एक जटिल काम था साथ ही सर्दियों में यहाँ बहुत ज्यादा बर्फ भी गिरती थी।
इन अब मुश्किलों का बावजूद भी जनवरी 2019 में इस टनल का 90 प्रतिशत काम पूरा हो गया था और 25 दिसम्बर 2019 को Atal Bihari Vajpayee के जन्मदिन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा इस टनल का नाम रोहतांग टनल से बदलकर अटल टनल रख दिया गया। आखिरकार 3 अक्टूबर 2020 को नरेंद्र मोदी जी द्वारा इस टनल का उदघाटन किया गया और इसे सभी लोगों के लिए खोल दिया गया।
6. Old Manali
ओल्ड मनाली नई मनाली के मॉल रोड से सिर्फ 2 किलोमीटर की दूरी पर ही है जहाँ आप लोकल टैक्सी करके भी जा सकते है, पर अगर आप पैदल चलने और फोटोग्राफी के शौकीन है तो जंगलों से बीच बनाये गए खूबसूरत रास्तों से ही जाए जहाँ से आप 30 मिनट में ही ओल्ड मनाली पहुंच सकते हो। ओल्ड मनाली ऊंचाई में स्थित एक बहुत ही खूबसूरत जगह है जहाँ बहुत से विदेशी कैफ़े भी बने हुए है। यह एक शांत जगह है जहाँ आपको कैफ़े में धीमे आवाज़ों में चले म्यूजिक ही सुनाई देंगे। देसी व विदेशी सामान व खानों के लिए ये मनाली की सबसे अच्छी जगहों में से एक है। मनाली का मशहूर Manu Temple भी ओल्ड मनाली में ही स्थित है। ऊंचाई में मौजूद होने के कारण ओल्ड मनाली से आपको Jogini Falls और बर्फीले पहाड़ सामने ही दिखाई देंगे।
Old Manali और New Manali में अंतर यह है कि ओल्ड मनाली के नाम मे भले ही ओल्ड लगा हो लेकिन यह अधिक ऊंचाई पर मौजूद होने के कारण नई मनाली के मुक़ाबके अधिक खूबसूरत और शांत जगह है, जबकि नई मनाली में आपको दिन भर ट्रैफिक और भीड़भाड़ ही मिलेगी। मनाली एक बड़ा केंद्र होने की वजह से आपको यहाँ रहने के लिए होटल और घूमने के लिए टैक्सी आसानी से मिल जाएंगी और सभी मुख्य जगह की सड़कें मनाली से होकर ही जाती है। इसीलिए अगर आप मनाली घूमने आए हो और किसी होटल में ठहरे हैं तो वहाँ के भीड़भाड़ से निकल कर Old Manali जैसी खूबसूरत जगह पर जरूर जाएं।
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7. Manikaran
मणिकर्ण घाटी कुल्लू जिले में भुंतर से 30 किलोमीटर की दूरी पर पार्वती व ब्यास नदी के बीच में बसा है। मणिकर्ण हिंदू व सिखों का एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। यहाँ पर एक एक गुरुद्वारा बना हुआ है जो कि माना जाता है कि गुरु नानकदेव जी की यहां के यात्रा की याद में बनाया गया था। इसीलिए पंजाब से बहुत से लोग हर साल यहां घूमने आते है। यहां पूरे साल दिन में दो बार लंगर लगाया जाता है। हिंदुओ के लिए भी यहाँ पर भगवान शिव, भगवान विष्णु, भगवान राम व भगवान कृष्ण के मंदिर है और इन मंदिरों में भी लंगर दिया जाता है।
मणिकर्ण अपने गर्म पानी के स्रोतों के लिए सबसे अधिक प्रसिद्ध है। यह एक ठंडी जगह है जहाँ पर बहुत अधिक बर्फ पड़ती है इसके बावजूद भी यहाँ ऐसे पानी के स्त्रोत है जहाँ का पानी बहुत अधिक गर्म है। यहाँ नहाने के लिए कुंड बनाये गए है और पुरुषों व महिलाओं के लिए अलग अलग व्यवस्था की गई है। माना जाता है कि इस पानी में नहाने से बहुत से रोग खत्म हो जाते। यहाँ पर इतना गर्म पानी कहाँ से आता है इसके पीछे वैज्ञानिक भी स्पष्ट नहीं है, उनका कहना है कि इसका कारण रेडियम हो सकता है।
यहाँ का पानी इतना गर्म होता है कि मन्दिर और गुरुद्वारे में लंगर के लिए चावल को इसी पानी में डालकर उबाला जाता है। भक्तों के लिए छोटी सफेद पोटली में उबला हुआ चावल डालकर बेचा जाता हैं। नयी विवाहित दम्पति एक साथ चावल की पोटली को पानी मे डालकर उबालते है और इसे उनका पहला खुला रसोई माना जाता है। इस पानी की खासियत यह भी है कि इससे चाय बनाई जाए तो इसमें चीनी का स्वाद आम पानी के मुक़ाबके दोगुना हो जाता है।
मणिकर्ण आप साल में कभी भी जा सकते हो लेकिन दिसंबर व जनवरी के मौसम में यहाँ पर काफी बर्फ गिरती है तो रास्ता जोखिम भरा हो सकता है।
8. Naggar Castle in Manali
नग्गर कैसल, मनाली से 22 किलोमीटर की दूरी पर नग्गर गांव पर मौजूद है। इस महल का निर्माण 1460 ई. में राजा सिद्ध सिंह ने किया था। प्राचीन समय मे इसमें राजा का शाही परिवार रहा करता था, लेकिन 1978 में HPTDC ने इसे अपने अंतर्गत लिया और इसे एक हेरिटेज होटल के रूप में लोगों के लिए खोल दिया। प्राचीन समय मे इस महल को भूकम्परोधी तरीके से बनाया गया है इसीलिए 1905 में आये भुकम्प के दौरान कुल्लू मनाली में बहुत सी इमारतों को नुकसान पहुंचा लेकिन इस कैसल को कुछ भी नहीं हुआ। खास बात यह है कि इस कैसल को सिर्फ लकड़ियों और पत्थरों से ही बनाया गया है और किसी भी तरह का सरिया या कीलों का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
कैसल की बालकनी से आपको ब्यास नदी व नग्गर गांव का खूबसूरत नजारा देखने को मिलेगा। यह आजकल मनाली का एक प्रसिद्ध आकर्षण केंद्र बन गया है और हर साल यहाँ हज़ारों सैलानी घूमने आते है और बहुत सी फिल्मों की शूटिंग भी यहां हो चुकी है।
Naggar Castle पहुंचने के बाद इसके आसपास और भी प्रसिद्ध जगह है जहाँ आप लोग घूमने जा सकते है जैसे कि Roerich Art Gallery and Estate, Gauri Shankar Temple और Thava का श्री कृष्ण मन्दिर इत्यादि।
9. Waterfalls in Manali
मनाली अपने पहाड़ों और बर्फ के कारण जाता है, और ये बर्फ पिघल कर पहाड़ों से नीचे गिरते है तो एक आकर्षण का केंद्र बन जाते है जिन्हें की झरना (Waterfalls) कहा जाता है। वैसे तो मनाली में छोटे बड़े बहुत से वॉटरफॉल्स है और कुछ वॉटरफॉल्स तक तो पहुंचना बहुत ही मुश्किल है। लेकिन आज हम आपको मनाली के ऐसे खूबसूरत वॉटरफॉल्स के बारे में बताने वाले हैं जहाँ जाने के लिए आसान रास्ता बना दिया गया है और बहुत से पर्यटक हर साल घूमने जाते है।
Jogini Waterfalls
Jogini Waterfalls मनाली के Vashisht गांव में स्थित है और मनाली से 7.5 किलोमीटर की दूरी पर और वशिष्ठ मन्दिर से 4 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है। इसे मनाली का सबसे सुंदर वॉटरफॉल भी कहा जा सकता है। अगर आप मनाली से खूबसूरत जगह पर छोटे से ट्रेक पर जाना चाहते हैं तो जोगिनी फॉल्स सबसे अच्छा विकल्प है। यहाँ तक पहुंचने के लिए आपको वशिष्ठ गांव से छोटे से रास्ते से जाना पड़ेगा और बीच में आपको सेब के बगीचे, देवदार के जंगल और छोटे छोटे दुकान और कैफ़े देखने को मिलेंगे। यह झरना 150 फुट की ऊँचाई से गिरता है और झरने से नीचे लोगों ने पत्थर लगा लग पानी रोक हुआ है जिसमे आप डुबकी लगा सकते हो। मॉनसून के मौसम में पानी का प्रवाह ज्यादा होने के कारण पानी के बीच मे जाने के लिए मना किया जाता है। जोगिनी वॉटरफॉल्स मनाली का ही नहीं बल्कि हिमाचल प्रदेश के सबसे खूबसूरत और घूमने लायक जगहों में से एक है।
Photo credit - Asbjørn Hansen/FlickrSajla Waterfall
यह एक मध्यम साइज का वॉटरफॉल है जो कि मनाली के लेफ्टबैंक में Sajla नाम के गांव में है। यह गांव मनाली से 10 किलोमीटर की दूरी पर है। इस गांव से झरने तक पहुंचने में पैदल आपको सिर्फ 1 घण्टे का ही समय लगेगा लेकिन यह रास्ता खूबसूरत देवदार के जंगलों में से होते हुए गुजरता है जहाँ से आपको अपने सफर का पता भी नही चलेगा। सजला वॉटरफॉल 2 पत्थरों के बीच से होते हुए गिरता है और झरने के नीचे बने पूल पर आप डुबकी भी लगा सकते है। इस वॉटरफॉल की खास बात यह है कि ये बहुत खूबसूरत है और शांत वातावरण पर मौजूद है।
Jana Waterfalls
इस वॉटरफॉल का Naggar के Jana नाम के गांव में स्थित है इसीलिए इसका नाम Jana Waterfalls रखा गया है। मनाली से उसकी दूरी 33 किलोमीटर है और नग्गर से 12 किलोमीटर की दूरी पर है। यह एक बहुत ही खूबसूरत जगह पर मौजूद छोटा सा झरना है जो कि लगभग 30 मीटर ऊपर से गिरता है। यहाँ पर झरने पर बने छोटे से पानी के पूल में आप नहा भी सकते है। अगर आप ट्रेक के शौकीन है तो इस वॉटरफॉल से थोड़े और ऊपर जा सकते हैं जहां से आपको यहाँ का और अच्छा नजारा मिलेगा और फोटोज अच्छी आएगी। इस वॉटरफॉल के आसपास छोटे छोटे कैफ़े और होटल भी है जहाँ पर आप मनाली के लोकल खानों का मजा ले सकते है।
इस वॉटरफॉल तक पहुंचना बहुत ही आसान है इसकी दूरी नग्गर से मात्र 12 किलोमीटर की है जहाँ तक आप गाड़ी लेकर जा सकते हो, और दिन में 3 से 4 बसें भी नग्गर से जाना तक जाती है।
Rahala Waterfall
यह वॉटरफॉल मनाली से 29 किलोमीटर की दूरी पर रोहतांग वाले रास्ते मे है। यह मनाली से सबसे खूबसूरत वॉटरफॉल्स में से एक है क्योंकि इस जगह के आसपास की खूबसूरती ऐसी है कि यह किसी को भी पसन्द आ जायेगा। यह सबसे अच्छे पिकनिक स्पॉट में से भी एक है। यहाँ का पानी ग्लेशियर के पिघलने के कारण आता है इसीलिए इसका पानी बहुत ही ज्यादा ठंडा है जहाँ पर नहाना मुश्किल है। मार्च से अक्टूबर का समय यहाँ घूमने के लिए सबसे सही समय है क्योंकि गर्मी के समय मे अधिक बर्फ पिघलती है और वॉटरफॉल का बहाव भी ज्यादा होता है।
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10. Famous Temples in Manali
वैसे तो कुल्लू मनाली में आप कहीं भी खड़े हो आप मन्दिर से 1 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर नहीं होंगे। यहाँ हर गांव में मन्दिर और लोगों की देवी देवताओं के प्रति आस्था के कारण ही कुल्लू मनाली को देवभूमि कहा जाता हैं। लेकिन हम आपको बताने जा रहे है कुल्लू मनाली के कुछ ऐसे खास मन्दिर जहाँ आपको मौका मिले तो दर्शन करने जरूर जाना चाहिए।
Hadimba Temple
हडिम्बा मन्दिर को मनाली की शान भी कहा जा सकता है क्योंकि मनाली आने वाले लगभग सभी लोग इस प्राचीन मंदिर के दर्शन करने जाते है। हडिम्बा देवी मंदिर मनाली मॉल रोड से सिर्फ 2-3 किलोमीटर की दूरी पर है और देवदार के पेड़ों के बीच मौजूद है। स्थानीय भाषा मे इसे ढूंगरी (Dhungri) मन्दिर भी कहा जाता है। हडिम्बा देवी का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है, हडिम्बा देवी 5 पांडवो में से एक भीम की पत्नी थी और 'घटोतकच' भीम और हडिम्बा के पुत्र थे।
हडिम्बा देवी मंदिर मनाली के संस्कृतियों को काफी हद तक दर्शाती है। यह मंदिर एक बड़े पत्थर पर बनाया गया है और पूरा मन्दिर लड़की से ही बनाया गया है। स्थानीय लोगों में माँ हडिम्बा के प्रति बहुत अधिक आस्था है औऱ कुल्लू का अंतराष्ट्रीय मेला दशहरा (Dusshera) भी हडिम्बा देवी के पहुंचने के बाद ही मनाया जाता है।
Bijli Mahadev
बिजली महादेव मंदिर मनाली से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर कुल्लू में पहाड़ की चोटी पर समुद्र तलसे 2460 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको मनाली से टैक्सी मिल जाएगी या आप कुल्लू पहुंच कर बस से भी जा सकते हैं। गाड़ी व बसें मथाण गांव तक ही जाती है उसके ऊपर आपको लगभग 1.5 किलोमीटर पैदल चलना पड़ेगा, हालांकि अब धीरे धीरे सड़क को ऊपर तक पहुंचाने का काम चल रहा है। बिजली महादेव के लिए एक सड़क नग्गर गांव से भी है जो बिजली महादेव की चोटी तक ही पहुँचती है लेकिन यह सड़क कच्चा और फिसलन भरा है इसीलिए इन पर जाने का जोखिम लोग नहीं उठाते। बिजली महादेव मंदिर पहुंचने पर आपको शानदार नजारा देखने को मिलेगा, आपको चारों तरफ़ हरियाली दिखेगी और इतनी ऊंचाई पर मौजूद होने के कारण आस पास के पहाड़ बिल्कुल सामने दिखाई देंगे। यहाँ से आप मणिकर्ण घाटी, कुल्लू शहर, भुंतर एयरपोर्ट, पार्वती और ब्यास नदी का संगम देख सकते है। यहां से प्रकृति का ऐसा नजारा देखने को मिलेगा जिसे शायद ही कोई भुला पायेगा।
बिजली महादेव का मंदिर पवित्र और खूबसूरत होने के साथ साथ रहस्यमयी भी है। स्थानीय लोगों के अनुसार बिजली महादेव मंदिर की कहानी यह है कि प्राचीन समय से शिवजी ने इंद्र देव से कहा था कि कुल्लू के लोगों पर जो कुछ भी संकट आने वाले हो उसे उनके सिर पर डाल दे और कुल्लू वासियों को सुरक्षित रखे, तभी से इंद्र देव हर 12 साल बाद शिवलिंग के ऊपर बिजली गिराते है जिससे शिवलिंग टूट कर बिखर जाता है और मन्दिर का पुजारी शिवलिंग के टुकड़ों को इकठ्ठा करते है और मक्खन से जोड़ते है। यह शिवलिंग मक्खन से बना हुआ है और इसे मक्खन महादेव भी कहते है। इंद्रदेव द्वारा हर 12 साल बाद शिवलिंग पर बिजली गिराने के कारण इसे बिजली महादेव नाम दिया गया है।
बिजली महादेव जाने का उचित समय गर्मियों का रहेगा क्योंकि इस समय चारों तरफ हरियाली होती है, पहाड़ की ऊंचाई पर होने के कारण सर्दियों में यहाँ काफी बर्फ गिरती है इसीलिए सर्दियों का समय उचित नहीं है। अगर आप सावन के महीने में जाते है तो यहाँ आपको काफी रौनक देखने को मिलेगी और उस समय मन्दिर में भंडारा भी होता है।
Gauri Shankar Temple
गौरी शंकर मन्दिर नग्गर गांव में मौजूद है औऱ नग्गर कैसल से नीचे स्थित है। मनाली से नग्गर की दूरी 23 किलोमीटर है और नग्गर से सिर्फ 2 किलोमीटर की पैदल यात्रा पर यह मंदिर स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है जिसे माना जाता है कि 12वीं शताब्दी में बनाया गया था। तो अगर आप पुरानी वस्तुकलाओं के शौकीन है तो इस मंदिर पर दर्शन करने जरूर जाएं।
मन्दिर में आपको भगवान शिव और माता पार्वती जी की मूर्ति देखने को मिलेगी जो कि नन्दी के ऊपर विराजमान है। भगवान गणेश और कार्तिकेय की मूर्ति को भी सोने के गहनों से सजाकर चांदी की छतरी के नीचे विराजित किया गया है।
इस मंदिर को गुर्जर प्रतिहार के परम्पराओं का अंतिम स्मारक माना जाता है और इस मंदिर पर प्रयोग की गई वास्तुकला को शिखर वास्तुकला कहा जाता है। यह मंदिर ऊपर से पहाड़ की चोटी के आकार का है और नीचे से चौकौर है और पूरी तरह पत्थर से से बनाया गया है।
इस मंदिर पर पूरे साल कभी भी दर्शन करने जा सकते है और मन्दिर सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक खुला होता है।
Photo credit - Mdipa/Wikimedia CommonsManu Temple
मनु मन्दिर ओल्ड मनाली में स्थित है जो कि नई मनाली के मॉल रोड से 3 किलोमीटर की दूरी पर है और आप गाड़ी से या पैदल भी जा सकते हैं। यह मंदिर मनु ऋषि को समर्पित है और माना जाता है कि मनु ऋषि ने इसी जगह पर बैठ कर तपस्या की थी इसीलिए इस जगह पर उनका मन्दिर बनाया गया। मनु ऋषि मनुस्मृति के रचयिता है और उन्हें इंसानो के निर्माता भी माना जाता है। खास बात यह है कि मनु ऋषि को समर्पित यह इकलौता मन्दिर है।
ओल्ड मनाली में मौजूद होने के कारण मन्दिर के दर्शन हो जाने के बाद ओल्ड मनाली के बाज़ार भी घूम सकते हैं और ऊंचाई पर होने की आप सामने के पहाड़, नदी और जोगिनी फॉल्स भी देख सकते है।
गर्मियों में यहाँ जाने का समय सबसे सही रहेगा क्योंकि इस समय चारों और हरियाली होती है। पर ऊँचाई पर मौजूद होने के कारण सर्दियों में यहाँ काफी बर्फ गिरती है।
Photo credit - Beibaoke1/Dreamstimeकुल्लू मनाली में अनगिनत मन्दिर मौजूद है और ऊपर बताए गए मन्दिर उन्हीं में से कुछ है, इनके अलावा आप लोग Nyingmapa Buddhist Monastery, Siyali Mahadev Temple, Vashisht Temple Kullu, Krishna Temple at Thava, Vaishno Devi Temple of Kullu, Hanogi Mata Temple इत्यादि पर भी दर्शन करने जा सकते हैं।
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