Mysteries That Even Science Can Not Explain | ऐसी घटनाएं जिनका जवाब विज्ञान के पास भी नहीं है
हमारे विज्ञान ने वर्तमान समय में बहुत ज्यादा तरक्की कर ली है चाहे वह अंतरिक्ष मे इंसान को भेजने में हो या किसी भी बीमारी का इलाज करने में। सिर्फ पृथ्वी ही नहीं बल्कि अंतरिक्ष मे होने वाले किसी भी घटना का जवाब विज्ञान के पास होता है। विज्ञान के इतने आधुनिक हो जाने के बाद भी हमारी धरती पर कुछ ऐसे रहस्य भी है जो विज्ञान जिसे विज्ञान अभी तक नहीं सुलझा पाये हैं।
Crooked Forest, Poland
Crooked Forest पोलैंड के Gryfino नाम के शहर के समीप मौजूद एक ऐसा जंगल है, जिसमें 400 के देवदार के पेड़ है और सभी पेड़ एक ही तरफ अजीबोगरीब तरीक़े से झुके हुए है। इन सभी झुके हुए पेडों की वजह से ही इसे Crooked Forest का नाम दिया गया है। ये सभी पेड़ जड़ से जमीन में ही पूर्वी दिशा की तरफ लगभग 9 फ़ीट तक 90° में सीधे गए है फिर घूमते हुए सीधे आसमान की तरह गए है। अपने इन अजीबोगरीब आकार के बावजूद भी ये सभी पेड़ स्वस्थ है और 50 फुट ऊँचे है।
अनुमान है कि ये सभी पेड़ यहां 1930 में लगाये गए थे इन पेड़ों के अजीब आकार का पता लगाने के लिए बहुत से अध्ययन किये गए लेकिन अभी तक पक्का पता नहीं चल आया है। पर लोगों ने इन पेड़ों के ऐसे आकार होने पर अपने अलग अलग तर्क दिए हुए हैं जैसे कि-
कुछ लोगों का मानना है कि जब पेड़ छोटे थे तो वहाँ भारी बर्फ गिरने के कारण ये सभी पेड़ एक ही दिशा में झुक गए होंगे और जब बर्फ खत्म हुई तो फिर आसमान की तरफ बढ़ने लगे होंगे। लेकिन यह तर्क इसीलिए खारिज किया गया क्योंकि उस जगह में बहुत से देवदार के पेड़ है लेकिन बर्फ से सिर्फ इसी जंगल के पेड़ क्यों झुक गए।
कुछ लोगों के अनुसार पेड़ों का यह आकार इस जगह पर ज्यादा गुरुत्वाकर्षण बल होने के कारण हुआ है, लेकिन यह तर्क इसलिए नहीं माना जा सकता क्योंकि गुरुत्वाकर्षण बल चीजों को नीचे की तरफ खींचता है ना कि घरती के ऊपर 90° की तरफ।
इन सब में सबसे ज्यादा तर्क जो सही माना जाता है वह ये है कि इन पेड़ों को यह आकार उस समय किसानों द्वारा जानबूझकर दिए गए थे। माना जाता है उनके पास कुछ ऐसे औजार थे जिससे पेडों को यह आकार दिया जाता था। लेकिन यह औजार कौनसे थे और किस वजह से पेड़ों को ऐसा आकार दिया जाता था ये अभी भी पता नहीं चल पाया है, इसीलिए इस तर्क को भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं माना जा सकता।
इस प्रकार Crooked Forest के ये 400 पेड़ सभी तक विज्ञान के लिए एक अनसुलझे रहस्य ही बनकर रह गए हैं
© Rzuwig/wikimedia commonsLighting Ball
Lighting Ball एक ऐसी अस्पष्ट घटना है जो आसमान में बिजली चमकने के बाद दिखाई देती है। इसे लगभग दुनिया के सभी देशों में लोगों द्वारा देखे जाने का दावा किया गया है। देखे गए अलग अलग लोगों के अनुसार यह हल्की रोशनी का गोला होता है जो एक मटर के दाने से लेकर एक फुटबॉल के आकार जितना होता है, और कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनट तक हवा में उड़ते हैं और किसी चीज से टकरा कर नष्ट हो जाते है। इसे लाल, पीले और सन्तरी रंगों में सबसे ज्यादा देखा जाने का दावा किया गया है। माना जाता है कि ये जिस भी चीज से टकराता है उसे कुछ मात्रा में नुकसान भी पहुंचाता है और इसके नष्ट होने के बाद जले हुए सल्फर की बदबू आती है। कुछ लोगों का दावा यह है कि यह रोशनी उनकी खिड़की से होते हुए उनके घर से अंदर आ गई थी बिना खिड़की को कोई नुकसान पहुंचाए।
हालांकि Ball Lighting से जुड़े अनगिनत और भी दावे है जो आपको इंटरनेट पर मिल जाएंगे। इन सब दावों से यह तो स्पष्ट हो जाता है कि Ball Lighting कोई झूठी घटना नहीं है। लेकिन वैज्ञानिक अभी तक पूरी तरह स्पष्ट नहीं कर पाए हैं कि यह पैदा कैसे होती है और किन चीजों से मिलकर बनी होती है। पर हो सकता है आने वाले कुछ सालों में Ball Lighting का पूरा सच दुनिया के सामने आ जाये।
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Mysterious Rain of Oakville, Washington in 1994
7 अगस्त 1994 में जब Washington के Oakville में सुबह के करीब 3 बजे बारिश होने शुरू हुई तो लोगों ने ध्यान दिया कि बारिश की ये बूंदे चिपचिपे से है और साधारण बारिश से अलग है जिसे आजतक कभी नहीं देखा गया था। लोग जब बारिश में कार के शीशे साफ करने लगे तो ये बूंदे शीशे में ही चिपकने लगे। दोपहर तक बहुत से लोग रहस्यमयी तरीके से बीमार पड़ने लगे जैसे कि किसी को चक्कर आने लगे, किसी को सांस लेने में दिक्कत होने लगी और किसी को कम दिखाई देने लगा। इस तरह की अजीब बारिश यहाँ 3 हफ़्तों में 6 बार हुई। इस बारिश के कारण बहुत से कुत्ते व बिल्लियों की भी मौत हो गयी।
जब इस चिपचिपे पदार्थ का सैंपल लैब में ले जाया गया तो पता चला कि इसमें इंसानो की सफेद रक्त कोशिकाएं (White Blood Cells) मौजूद है। इसके बाद अनुमान लगाया गया कि यह हवाई जहाज द्वारा छोड़े गए इंसानो के मल होंगे लेकिन यह सिर्फ एक अनुमान ही था इसका कोई पुख्ता सबूत नहीं मिल पाया। इस अजीबोगरीब बारिश के ऊपर बहुत से तर्क दिए गए जैसे कि कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार यह एलियंस का मल होगा, जबकि कुछ का मानना था कि आर्मी के अभ्यास के दौरान बम जब समुद्र में गिराए गए तो बहुत सी जेलीफिश मर गयी होंगी और उनके टुकड़े वाष्प होकर बादल बन गए लेकिन आर्मी वालों ने ऐसे किसी भी अभ्यास से मना कर दिया था।
लेकिन बहुत से शोध के बाद भी इस अजीबोगरीब बारिश का रहस्य पता नहीं चल पाया और The New York Times ने इसे अनसुलझा घोषित कर दिया।
© - the13thfloor.tvAngelo Faticoni, Human Cork
Angelo Faticoni एक इटालियन-अमेरिकी फ्रिक शो आर्टिस्ट थे। वह अपनी एक खास तरह की क्षमता के कारण इतिहास में प्रसिद्ध हो गए, औऱ उनकी यह खासियत ये थी कि वह पानी मे बिना कोई प्रयास किये भी डूबते नहीं थे। उनकी इसी खासियत के कारण उन्हें Human Cork नाम दिया गया था। उनके शरीर मे यह खासियत बचपन से ही मौजूद थी लेकिन समय के साथ साथ ये बहुत से लोगों को भी पता चली। उनकी इस क्षमता को बहुत से लोगों ने परखना भी चाहा इसीलिए एक बार उन्हें बोरी में सिल कर बंद किया गया और उनके पैरों में 20 पौंड का केननबॉल बांधा गया, लेकिन कुछ ही देर में Angelo ने बोरी से अपना सिर बाहर निकाला और पानी में बिना प्रयास किये और बिना डूबे 8 घण्टे तक ऐसे ही रहे। एक अन्य अवसर पर उन्हें हडसन नदी में कुर्सी में बांध कर फेंका गया और कुर्सी में 20 पाउंड का भार बाँध दिया गया, और एक बार फिरसे वह हाथ पैर बंधे होने के बावजूद भी बिना डूबे पानी मे 15 घण्टों तक रहे।
उनकी इस खास क्षमता ने उस समय सभी वैज्ञानिकों और डॉक्टरों को आश्चर्य में डाल दिया। डॉक्टरों का कहना था कि यह उनके आंतरिक अंगों के कारण है जो आम लोगों से अलग है, और कुछ मनोवैज्ञानिकों का कहना था कि ये आत्माओं का उनके साथ रहने के कारण है। लेकिन वैज्ञानिक उनकी इस क्षमता के बारे में स्पष्ट रूप से कुछ भी नहीं बता पाई।
हालांकि Angelo Faticoni ने कहा था कि समय आने पर वह खुद अपनी इस खास क्षमता के बारे में दुनिया को बताएंगे। लेकिन 2 अगस्त 1931 को जब वह अपने रिश्तेदार के घर Jacksonville, Florida गए हुए थे तो वहीं उनकी अचानक से मौत हो गयी, और दुनिया उनका यह राज जान ही नहीं पाई।
© WikipediaMiracle of the Sun
फातिमा, पुर्तगाल के तीन चरवाहे बच्चे Lúcia Santos, Francisco और Jacinta Marto ने भविष्यवाणी की थी कि 13 अक्टूबर, 1917 को Mother Mary ( जिसे बच्चे Our Lady of Fátima कहते थे) प्रकट होगी और चमत्कार दिखायेगी। बच्चों की यह बात पूरे शहर में फैल गयी और अखबारों में भी आने लगी। उनकी इस बात पर बहुत विवाद भी हुआ और उन बच्चों को कस्टड़ी में लिया गया यह सोच कर की ये एक राजनीतिक चाल है।
13 अक्टूबर 1917 के दिन कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक 40000 के करीब लोग जमा हुए थे जबकि कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक 1 लाख के करीब लोग घटनास्थल पर पहुंचे थे। उस दिन बहुत से लोगों ने देखा कि कुछ देर बारिश आने के बाद बादल हट गए और सूरज बाकी दिनों के मुकाबले धुंधला दिखाई देने लगा। सूरज रँग बिरंगे रँग में था और चक्र की तरह घूम रहा था। फिर सूरज ज़िग-ज़ैग तरीक़े से घूमते हुए धरती की तरफ गिर गया, ऐसा 10 मिनट तक चला फिर सूरज वापिस अपनी जगह पर आ गया। कुछ लोगों का कहना था कि इस घटना के बाद बारिश के कारण उनके भीगे हुए कपड़े खुद ही सुख गए। इस घटना को उस दिन हज़ारों लोगो ने देखा जबकि वहां कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने ये सब नहीं देखा।
उस दिन Fatima में जो कुछ भी हुआ उसके गवाह हजारों लोग बने और इसका जवाब विज्ञान अभी भी नही दे पाई है इसीलिए वह घटना चमत्कार के रूप में इतिहास में दर्ज हो गयी और इसे “Miracle of the Sun” और “Miracle of Fatima” नाम दिया गया
© Judah Ruah/Wikimedia commonsAlso Read - दुनिया भर में मनाये जाने वाले प्रसिद्ध और अजीबोगरीब त्योहार
La Mancha Negra, Caracas, Venezuela.
La Mancha Negra एक काला, चिपचिपा और च्यूइंग-गम की तरह एक अज्ञात पदार्थ है और इसे पहली बार 1986 में वेनेजुएला के Caracus के सड़कों में सड़क में काम कर रहे मजदूरों ने देखा था। लेकिन यह उस समय सिर्फ 50 यार्ड के करीब सड़कों पर ही फैला हुआ था और लोगों ने इसपर ज्यादा ध्यान नहीं दिया लेकिन कुछ ही महीनों में ये अज्ञात चीज़ 8 मील तक सड़कों में फैल गया। इसके बाद स्थिति इतनी खराब हो गयी कि इसके कारण सड़कों पर बहुत सी दुर्घटनाएं हुई और लगभग 1800 लोगों की मौत भी हो गयी। यह मौसम के अनुसार फैलता था जैसे कि गर्मियों में अधिक जैसी से और ठंड पड़ने पर सिकुड़ जाता था। जब सड़कों पर दुर्घटनाएं बहुत ज्यादा बढ़ने लगी तो कुछ एक्सपर्ट्स यह समस्या लेकर वहां के राष्ट्रपति Carlos Andrés Pérez के पास पहुंचे लेकिन इसका कारण पता नहीं चल पाया। 1992 तक यह चीज लगभग पूरे Caracus शहर के सड़कों में फैल गयी थी। वेनेजुएला की सरकार ने इससे छुटकारा पाने के लिए अमेरिका, कनाडा और यूरोप के बहुत से एक्सपर्ट्स से मदद मांगी और मिलियन डॉलर्स खर्च कर दिए लेकिन किसी को पता नही चल पाया कि यह क्या चीज है और इससे छुटकारा कैसे पाए। एक्सपर्ट द्वारा इसे डिटर्जेंट से धोया गया, इसपर चुना डाला गया और इसकी परत को खुरचा गया ये सब कुछ समय के लिए तो काम करते पर La Mancha Negra फिर से फैल जाता।
आखिरकार 1996 में यानी 20 सालों बाद जर्मनी से विशेष प्रकार के सफाई उपकरण लाने के बाद La Mancha Negra से छुटकारा पा लिया गया। इसके बाद भी इसे Baralt, Nueva Granada, Fuerzas Armadas, Sucre में फिरसे देखा गया। हालांकि इसके भले ही छुटकारा पा लिया गया लेकिन ये क्या था और कैसे पैदा हुआ था इसकी असल वजह आज तक वैज्ञानिक पता नहीं लगा पाये है।
© RedditDancing Plague 1518
Dancing Plague की यह अजीबोगरीब घटना Strasbourg, Alsace (आज के समय का फ्रांस) में जुलाई 1518 में घटी थी जब Frau Troffea नाम की महिला Strasbourg के सड़कों पर अचानक से नाचने लगी और वह 5-6 दिनों तक लगातार अकेली ही नाची फिर उस महिला के साथ 30-40 लोग और जुड़ गए, और कुछ लोगों की हार्ट अटैक और थकान के कारण मौत भी होने लगी। कुछ ही महीनों में उनके साथ 400 के करीब और लोग जुड़ गए, लेकिन किसी को पता नहीं था वे नाच क्यों रहे है, उनके रिश्तेदारों ने उन्हें रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन वे कुछ भी नहीं सुन रहे थे और लगातार ही नाचे जा रहे थे और नाचने वालों के चेहरों में कोई भी भाव नजर नहीं आ रहे थे और वे खुशी से नहीं नाच रहे थे। उस समय के डॉक्टरों के अनुसार यह Hot Blood के कारण है और जब लोग थक जाएंगे तो वे खुद ही रुक जाएंगे। इसीलिए शहर के लोगों ने उनके लिए स्टेज तैयार किया और बैंड को गाने बजाने के लिए बुलाया गया लेकिन इससे हालत और भी खराब हो गए। नाचने वाले लोगों में मौत की संख्या अब 15 प्रति दिन तक पहुंच गई। इसके बाद इसे उस समय की महामारी घोषित कर दी गयी और Dancing Plague नाम दिया गया। यह बीमारी जिस रहस्यमयी तरीके से शुरू हुई थी उसी तरीक़े से खत्म भी हो गई और इसके खत्म होने की तारीख व जानकारी पूरी तरह से नहीं मिल पाई। लेकिन यह इतिहास के लिए इस रहस्य बन के रह गया जिसके पीछे का कारण आज भी वैज्ञानिक पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
इस घटना के ऊपर लोगों द्वारा अलग अलग तर्क दिए गए है। जैसे कि उस समय के डॉक्टरों ने इसका कारण Hot Blood को बताया जबकि कुछ लोगों द्वारा यह किसी काली शक्तियों के कारण हुआ था। कुछ लोगों के शोध के अनुसार उस सदी में ऐसे बाबा हुआ करते थे जो लोगों को ऐसा श्राप देते थे जिससे लोग नाचते नाचते मर जाते थे। आधुनिक शोध के अनुसार इसका कारण विषाक्त भोजन (Food Poisoning) को बताया गया है। इसी प्रकार से इस घटना पर लोगों द्वारा बहुत से तर्क दिए गए पर अभी तक इसका असल कारण पता नहीं चल पाया है।
© Pikrepo
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