Unsolved Mysteries of Mount Kailash in Hindi | कैलाश पर्वत के अनसुलझे रहस्य

 Kailash Parvat Mysteries in Hindi

कैलाश पर्वत भारत और तिब्बत में फैले हिमालय पर्वतों में मौजूद है। हिन्दू धर्म के अनुसार यह भगवान शिव जी का निवास स्थान हैं यहां पर वे पत्नी पार्वती जी और सवारी नन्दी जी के साथ ध्यान लगाते हैं। कैलाश पर्वत सिर्फ हिंदुओ के लिए ही नहीं बल्कि अन्य और तीन धर्मो बौद्ध, जैन और बॉन के लिए भी पवित्र स्थान है, जैन धर्म में इसे Astapada कहा गया है, बॉन धर्म मे Tise कहा गया है औऱ बुद्धिस्ट धर्म मे इसे Kang Rimpoche कहा गया है इसी वजह से इन सभी धर्मों का कैलाश पर्वत से अटूट आस्था जुड़ी हुई है। कैलाश पर्वत से भारत की चार प्रमुख नदियां ब्रह्मपुत्र, सतलुज, इंदुस और करनाली नदी भी निकलती है और चारों ही नदियां चारों अलग अलग दिशाओं में बहती हैं। कैलाश पर्वत के साथ ऐसे बहुत से रहस्य और चमत्कार जुड़े हैं जो कि दुनिया के लिए अभी तक अनसुलझे हैं।

Unclimbable

कैलाश पर्वत पर आज तक कोई भी व्यक्ति नहीं चढ़ पाया है। दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट पर हजारों लोग चढ़ चुके हैं लेकिन कैलाश पर्वत पर किसी का ना चढ़ पाना पूरी दुनिया को हैरान करता है। बहुत से लोगों ने कैलाश पर्वत पर चढ़ने का प्रयास किया था लेकिन कुछ लोग कम ऑक्सिजन और हार्ट अटैक के डर से वापिस आ गए, कुछ लोग रास्ता भूल गए जबकि कुछ लोगों का कहना था कि पर्वत में कुछ ऐसी अलौकिक शक्ति है जो उन्हें पर्वत में जाने से रोक रही है जिस कारण कभी उनके सामने से रास्ता गायब हो जाता है तो कभी सामने बहुत तेज बर्फीले तूफान आने लगते हैं। कैलाश पर्वत पर चढ़ते हुए बहुत से लोगों की मौत भी हो गयी। कैलाश पर्वत पर चढ़ने के खतरे और बहुत सी धर्मों के सम्मान को आहत न करने के कारण सरकार द्वारा 2001 में इस पर्वत पर चढ़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। माना जाता है इस पर्वत पर चढ़ने वाले इकलौते इंसान बुद्धिस्ट साधु Milarepa थे जो 12वीं सदी में कैलाश पर्वत पर चढ़े थे।

Unsolved Mysteries of Mount Kailash in Hindi | कैलाश पर्वत के अनसुलझे रहस्यमय
Photo Credit - Ondřej Žváček/Wikimedia Commons


 Time Travel

कैलाश पर्वत पर चढ़ने की कोशिश करने वालों का दावा है कि इस पर्वत के आसपास समय दुनिया के किसी भी हिस्से के मुकाबले ज्यादा तेजी से बीतता है। पर्वतारोहियों का कहना है कि कैलाश पर्वत में उनके बाल और नाखून तेजी से बढ़ने लगते है। उनके अनुसार धरती के बाकी हिस्सों में 2 हफ़्तों में जिनके बाल और नाखून बढ़ते हैं उनके यहां सिर्फ 12 घण्टों में बढ़ जाते हैं।

Central Axis

अमेरिकी और रूसी वैज्ञानिकों के बहुत से अध्ययनों के बाद माना जाता है कि कैलाश पर्वत धरती के बीच मे स्थित है यानी कि यह पर्वत पृथ्वी का केंद्रीय बिंदु है जिसे Axis Mundi भी कहा जाता है। माना जाता है संसार की चारों दिशाएं कैलाश पर्वत पर आकर मिलती है। वेदों और रामायण में भी इसका जिक्र किया गया है।  


Read Also - Most Unusual Deaths Ever in Hindi | दुनिया मे हुई अब तक कि सबसे अजीबोगरीब मौतें


Mount Kailash is a Pyramid ?

रूस के वैज्ञानिकों के रिसर्च के अनुसार कैलाश पर्वत कोई प्राकृतिक पर्वत नहीं है बल्कि प्राचीन समय के उन्नत सभ्यता द्वारा बहुत ही बेहतरीन या अलौकिक तकनीक से बनाया गया पिरामिड है। रशियन खोजकर्ता Dr Ernst Muldashev के अनुसार कैलाश पर्वत इतने अच्छे तरीके से बना हुआ है कि यह प्राकृतिक नहीं हो सकता, उनके अनुसार इस पर्वत का बाकी पर्वतों की तरह ऊपर से त्रिकोणी ना होकर चार कोने वाली होना जो चारों दिशाओं को दर्शाते हैं और इस पर्वत का धरती के बीच मे स्थित होना दर्शाता है कि यह प्राकृतिक नहीं हो सकता। उनका कहना है कि जब वह अपनी टीम के साथ यहां रुके थे तो रात के शांत वातावरण में कैलाश पर्वत के अंदर से किसी के बात करने और पत्थर गिरने जैसी कुछ आवाजें आ रही थी, जिसपर उनका कहना था कि इस पर्वत पर कुछ ऐसे लोग रहते हैं जिन्हें देख पाना सम्भव नहीं है।

Hidden Town in Mount Kailash

Dr Ernst Muldashev के कैलाश में किसी के होने के दावों को इसलिए भी बल मिलता है क्योंकि प्राचीन मशहूर रशियन पेंटर Nicholas Roerich का भी विश्वास था कि कैलाश पर्वत पर कोई गुप्त और जादुई नगरी है। इस जगह का जिक्र हिन्दू और बुद्धिस्ट धर्मों में भी किया गया है जिसे Shambala नाम दिया गया था। Shambala एक संस्कृत शब्द है जिसका मतलब होता है "शांत जगह"। हिंदुओं के विष्णु पुराण के अनुसार यह वही जगह है जहाँ भगवान विष्णु के अंतिम अवतार कल्कि ने जन्म लिया था। माना जाता है इस जगह को सिर्फ वही लोग देख सकते हैं जिनके मन मे कोई पाप ना हो दूर और और साधु संत यहाँ तपस्या करते हैं।

Unsolved Mysteries of Mount Kailash in Hindi | कैलाश पर्वत के अनसुलझे रहस्यमय
Photo credit - Naughty Dog-Uncharted


Changing Position

कैलाश पर्वत पर चढ़ने की कोशिश करने वाले बहुत से लोगों का दावा है कि यहां पर स्थान चमत्कारी रूप से खुद ही बदलने लगते है। उनके अनुसार जब भी वे आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं तो खराब मौसम की वजह से रास्ता खराब हो जाता है लेकिन जब वे आगे बढ़ते हैं तो कुछ समय बाद फिर से पुरानी जगह पर ही वापिस आ जाते है। कैलाश पर्वत के इस रहस्य और चमत्कार के कारण भी लोग आज तक कैलाश यहाँ चढ़ने में सफल नहीं हो पाए है।

Way to Heaven

कैलाश पर्वत दुनिया के बाकी पर्वतों की तरह ऊपर से त्रिकोणी आकर की ना होकर चारों दिशाओं में फैली है, और माना जाता है इसके चारों कोने रूबी, सोना, क्रिस्टल, और लैपिस लैज़्यूली जैसे बेशकीमती धातुओं से बने है। वेदों और पुराणों के अनुसार कैलाश पर्वत धरती पर स्वर्ग का रास्ता है, और हिंदी मान्यताओं के अनुसार पांडव और द्रौपदी कैलाश पर्वत की चढ़ाई करके ही मोक्ष को प्राप्त हुए थे।

Swastika And Om Sign

कैलाश पर्वत का एक और रहस्य यह है कि यहां सूरज ढलने के बाद इस पहाड़ की परछाई से स्वस्तिक (卐) का चिन्ह बनता है जो कि हिन्दू धर्म का धार्मिक चिन्ह है। इतना ही नहीं जब पर्वत पर बर्फ गिरती है तो दक्षिण दिशा से देखने पर यहाँ ओम (ॐ) का चिन्ह बन जाता है और यह भी हिंदुओं का धार्मिक चिन्ह है। 

Mansarovar and Rakshas Tal

कैलाश पर्वत पर मानसरोवर और राक्षस ताल नाम के दो झील है और इन दोनों के नाम की कहानी पुराणों से जुड़ी है। माना जाता है हिंदुओ के देवता भगवान विष्णु जी मानसरोवर झील में शेषनाग के ऊपर बैठते थे और पुराणों में इसे ही शीर सागर कहा गया है, दूसरी तरफ राक्षस ताल में माना जाता है कि रावण ने भगवान शिव की घोर तपस्या की थी। इन दोनों ही झीलों के गुण बिल्कुल अपने नाम की तरह ही है। मानसरोवर झील का आकार सूर्य की तरह है और यह शुद्ध मीठे पानी का झील है इसके विपरीत राक्षस ताल का आकार टूटे चाँद की तरह है और यह खारे पानी का झील है जहां पानी मे जीव जंतु व पौधे नहीं लगते। अपने नाम की तरह ही मानसरोवर झील हमेशा शांत रहता है जबकि राक्षस ताल में तूफान और ऊंची लहरें उठती रहती है। इन दोनों ही झीलों का सबसे बड़ा रहस्य यह माना जाता है किसी समय में ये दोनों झील एक ही थे औऱ अभी भी एक दूसरे के सामने ही मौजूद है लेकिन इतने नजदीक होने के बावजूद भी इन दोनों के गुण एक दूसरे से बिल्कुल अलग है।

Unsolved Mysteries of Mount Kailash in Hindi | कैलाश पर्वत के अनसुलझे रहस्यमय
Photo credit - Terrametrics



Yam Dwar

कैलाश पर्वत की परिक्रमा करने जब भी श्रद्धालु आते हैं तो उन्हें यम द्वार से गुजरना पड़ता है। हिन्दू धर्म के अनुसार यम 'मृत्यु के देवता है', जबकि द्वार का मतलब दरवाजा होता है। स्थानीय लोगों के अनुसार इस द्वार से गुजरते समय बहुत देर तक दरवाजे में खड़े नहीं रहना चाहिए और इस द्वार से निकलने के बाद पीछे मुड़ कर नहीं देखना चाहिए। यम द्वार का रहस्य यह भी है कि किसी को नहीं पता कि इसे किसने, कब और क्यों बनाया था। पर प्राचीन मान्यताओं के अनुसार यम देवता ने इसे भगवान शिव की रक्षा के लिए बनाया था, माना जाता है जब भी कोई व्यक्ति यम द्वार से कैलाश परिक्रमा के लिए जाता है तो वह उसकी सभी नकारात्मक ऊर्जा चली जाती है और उसके पुराने सभी पाप मिट जाते हैं और व्यक्ति सकारात्मक ऊर्जा के साथ कैलाश पर्वत में जाता है।

Unsolved Mysteries of Mount Kailash in Hindi | कैलाश पर्वत के अनसुलझे रहस्यमय
Photo credit - Patrika



यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो दोस्तों के साथ भी शेयर करे, और कोई सुझाव हो तो कमेंट्स में जरूर बताएं


एक टिप्पणी भेजें

6 टिप्पणियाँ

अपनी राय जरूर दें❤️

Search This Site